Sunday, December 2, 2012

कतार

कतार
के मायने खास
है जीस्त मे
...
चूँकि ये नहीं टूटती
उम्र भर
फिर चाहे वो हो
घनी धुप मे
या
शीतल छांव मे
राशन की
बिजली, पानी
का हो बिल
चाहे हो
गुजरते पल किसी
भी दशा मे
पंक्तिबद्ध
यकीन है मुझे
मिलेगी जरुर शिवधाम
मे भी
लकड़ियों के लिए
एक लम्बी सी
कतार

written by दीपक खत्री 'रौनक'

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