कहा है तू
क्यु नजर नही आती
भटक रहा हु
तेरी तलाश मे
एक अर्से से
न तू गाव मे थी
न तू शहर मे है
न तू घर मे थी
न तू सफर मे है
न तू आईने मे
न तू परछाई मे
न तू बुलँदी मे
न तू गहराई मे
मै जानता हु
खत्म नही होगी
तलाश मेरी
मगर
खत्म हो जाएगी
इसी तलाश मे
एक दिन
मेरी
जिन्दगी
written by Dinesh harman
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