अनायास
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अनायास
ही हो जाता
है
यहाँ
सब कुछ
बहुत कुछ
कुछ
जाना सा
पहचाना सा
मगर
कभी अनजान
भी
चौंकता सा
फिर भी
सामना तो
करना ही
है
हर हाल मे
क्योंकि
यहाँ
पाना भी
खोना भी
सब कुछ
ही तो होना
है
अनायास
दीपक खत्री 'रौनक'
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