Friday, December 28, 2012

वफ़ा

वफ़ा
==
वफ़ा
क्या खूब
शब्द है
या के
एक अहसास है
या फिर
निभाई जाने वाली
एक अदा
है ये
तुझ मे
मुझ मे
सब मे
मगर
अंदाज़-ए- अहसास
है
जुदा जुदा
मेरी वफ़ा
तेरे लिए
तेरी वफ़ा
उसके लिए
और उसकी
किसी और के लिए
नहीं कोई जनता
कब
कैसे
कहाँ
किससे
किसको
मिलेगी
ये
वफ़ा

दीपक खत्री 'रौनक'written by
दीपक खत्री 'रौनक

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