Friday, November 30, 2012

पानी

पानी
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पानी
बेमोल है,
जब तक झरता है झरनो से,
बहता है नदियो मे,
हिस्सा है अथाह समन्द्र का
मगर
अनमोल हो जाता है,
जब नदि झरनो को छोङ कर
उतर आता है,
किसी की आँखो मे
ये.....
पानी

written By Dinesh Harman

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